रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई सवालों से जुड़े हुए हैं। पहले दिन ने रोहित टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया जिससे चौथे दिन टीम इंडिया को खींचती रही। उसके बाद खेलने 11 में रविचंद्रन अश्विन को नहीं लेने पर भी भारतीय कप्तान पर कई सवाल उठे। इस पर क्रिकेट पंडितों की अलग-अलग राय सामने आई। ज्यादातर इस फैसले का विरोध किया तो कुछ पूर्व क्रिकेटर इस फैसले पर रोहित शर्मा के समर्थन में भी उतरे। उनमें से एक भारतीय पूर्व क्रिकेटर ने रोहित के साथ दिया और कहा कि अश्विन को नहीं खिलाना सही फैसला है।
बता दें कि हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा की, जिन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए सफाई करते हुए रोहित के जजमेंट को सही बताया। उन्होंने कहा कि अगर आप टास्क जीतकर पहले बोल रहे हैं तो चार पेसर्स को खिलाना बिल्कुल सही फैसला है। इसलिए ही नहीं चोपड़ा ने तो यह भी कहा कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के इस साइकिल में रवींद्र जडेजा को अश्विन से ज्यादा तरजीह मिला है। तो फाइनल में ऐसा देखकर चौंकना क्यों। उन्होंने रोहित शर्मा के इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि दो स्पिनरों को लेने का कोई तर्क ही नहीं था।
गावस्कर ने शिकायत की
वहीं दिग्गज सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के इस फैसले पर निराशा जताई। टिप्पणी के दौरान उन्होंने कहा कि बड़े मुकाबलों में आप अपनी शक्तियों के साथ उतरे हैं, ना कि अश्विन जैसे समुद्र को न्याय पर बैठे हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। ऑस्ट्रेलिया से सीखते हुए उन्होंने अपनी सेनाओं को देखा। ज़ोजब है कि पिछले काफी समय से डेविड वोर्नर की टीम में जगह और फॉर्म पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन फिर भी वह इस बात पर जोर देते हैं। उन्होंने 43 रुपये का अहम योगदान भी दिया। हरभजन सिंह ने भी सुनील गावस्कर के इस बयान पर सहमति जताई थी।
क्या रहा पहले दिन का हाल?
अगर पहले दिन जो खेल हुआ उसकी बात करें तो आज के दिन के अंत तक ड्राइविंग सीट पर कंगारू टीम थी। टास्क हारकर भी पहले खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत में थोड़ा लड़े और 76 रन के स्कोर पर शीर्ष क्रम के तीन खिलाड़ी आउट हो गए। उसके बाद ट्रेविस हेड के शतक और स्टीव स्मिथ की शानदार पारियों ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। दोनों ने दिन के अंत तक चौथे विकेट के लिए 251 रनों की नाबाद साझेदारी कर ली थी। हेड 146 रन बने नाबाद थे तो स्मिथ अपने शतक से चार रन दूर थे। भारत के लिए शमी, सिराज और शार्दुल को एक-एक सफलता मिली थी।